www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

अमित शाह को सासाराम का कार्यक्रम क्यो रद्द करना पड़ा ?

-विशाल झा की कलम से-

Ad 1

Positive India:Vishal Jha:
बिहार के सासाराम में धारा 144 लागू है। वहां पर अमित शाह भी नहीं जा सके। अमित शाह भारत के गृह मंत्री हैं। एक ऐसे शख्सियत, जिन्हें आज तालिबान का अफगानिस्तान जाना हो तो रातों-रात पूरी व्यवस्था हो जाएगी और अमित शाह के रक्षा घेरे में एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इतनी व्यवस्था स्वयं अफगानिस्तान कर देगा। लेकिन सत्य यही है कि अमित शाह के सासाराम का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

Gatiman Ad Inside News Ad

जिस स्थान पर अमित शाह नहीं जा सके उस स्थान पर आज बम विस्फोट हो गया है। खबर आ रही है कि सासाराम में घर में देसी बम तैयार किया जा रहा था और विस्फोट हो गया। जिसमें 5 लोग घायल हुए हैं। मामले का सीधा अर्थ है कि बिहार के सासाराम जैसे कई जिले अफगानिस्तान के तालिबान स्तर से भी ऊपर उठ चुके हैं। सासाराम की धारा 144 की गुणवत्ता क्या है? धारा की संख्या भले 144 हो, प्रशासन की प्रकृति के हिसाब से धारा की गुणवत्ता बदल जाती है? बिहार में बिहार सरकार के मुख्य सचिव हैं, आमीर सुबहानी। ऐसे प्रशासनिक पदाधिकारी जिन्हें चुनाव के वक्त चुनाव आयोग फूटी आंख नहीं देखना चाहता।

Naryana Health Ad

बिहार में प्रशासन काम नहीं कर रहा, ऐसा नहीं कहा जा सकता। बिहार में प्रशासन कार्य कर रहा है। लेकिन उसके कार्य करने का अपना तरीका है। पत्रकार मनीष मामले का तमिलनाडु कोर्ट से आरोप सिद्ध नहीं हो सका। लेकिन बिहार पुलिस ने पूरी सक्रियता के साथ मनीष पत्रकार के एक-एक अकाउंट को खंगाला, पत्रकार को रिमांड पर लिया गया। फिर उसे तमिलनाडु पुलिस को सौंप दिया गया। वहां पर भी रिमांड पर लिया गया और अदालत से पत्रकार के ऊपर लगे एकभी आरोप सिद्ध नहीं हो पाए। लेकिन प्रशासन की सक्रियता इतनी थी कि मनीष के घर की कुर्की जब्ती तक की गई। मनीष एक भारतीय सैनिक का बेटा है और स्वयं जन सरोकार की पत्रकारिता करता था।

ठीक इसी प्रकार बिहार प्रशासन की धारा 144 भी एक खास गुणवत्ता धारण किए हुए है। जिसमें भारत के गृह मंत्री अमित शाह का प्रवेश निरुद्ध है। लेकिन देसी बम का निर्माण बड़े बेफिक्र होकर किया जा रहा था। ऐसे देसी बम का इस्तेमाल ही हिंदुओं के जुलूस यात्रा पर हमले के लिए किया जाता है। जिस मस्जिद वाली गली से, जिस रास्ते से जुलूस यात्रा निकल जाती है, उस रास्ते में पड़ने वाले सभी दुकानों पार्किंग में लगी गाड़ियों को विस्फोट के जरिए आग लगा दी जाती है, ऐसा संभाजीनगर से हावड़ा तक देखा गया है। फिर इन्हीं गालियों को इन्हीं इलाकों को संवेदनशील इलाका कहा जाता है।

साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.