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Positive India News

मजबूर सरकारें कुछ भी कर सकती हैं

कनाडा में जस्टिन ट्रूडो भी आजकल एक मजबूर सरकार चला रहे हैं । उनकी लिबरल पार्टी की सरकार को बहुमत के लिये १७० सीटें चाहिये और १५५ हैं । बाकी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के २४ सांसदों का समर्थन…

दसलक्षण महापर्व पर तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया गया

Positive India:Raipur: श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट मालवीय रोड मे पर्वाधिराज दसलक्षण पर्युषण महापर्व के अवसर पर आज तीसरे दिन 23 सितंबर 2023 भाद्रप्रद शुक्ल पक्ष तिथि…

रायगढ़ के एक्सिस बैंक में हुई 5 करोड़ 62 लाख की डकैती

Positive India:Raigarh: रायगढ़ में 19 सितंबर सुबह ढिमरापुर चौक में स्थित Axis बैंक में 5.62 करोड़ रूपए की डकैती हो गई। करीब सात लुटेरे सुबह बैंक खुलने के बाद अचानक बैंक में घुसे। लुटेरों ने…

बाबा तुलसी के साहित्य का जातिवाद!

केवल बुराई देखने निकले लोग कहीं भी बुरा ढूंढ ही लेते हैं। ऐसे लोग कल भी थे, ऐसे लोग आज भी हैं, ऐसे लोग कल भी रहेंगे। पर सुनिये- दूध में नींबू पड़ जाय तो दूध को फाड़ देता है। पर उसके बाद क्या…

स्टालिन का लौंडा वोटों के ध्रुवीकरण के चक्कर में हिन्दुओं को एक कैसे कर रहा है?

राजनैतिक कारणों से और सुप्रीम कोर्ट के आँखों पर बँधी पट्टी के कारण हेटस्पीच केवल एक ही धर्म का अपमान करने वाले पर अप्लाय नहीं होता। ये चुनावों के निकट आते-आते और भी विषैला होगा।

स्टालिन प्यादे ने थूका जरूर, लेकिन वही थूक उसके मुंह पर आ गिरा

सनातन के अनन्त,असीम आसमान पर फिर संकर नसल के एक स्टालिन प्यादे ने थूका जरूर,लेकिन वही थूक उसके मुंह पर आ गिरा...अब उसको I.N.D.I.A गिरोह वाले लीप पोत कर साफ कर रहे हैं...!!

मणिशंकर से सौ गुना ज़्यादा लाभ उदयनिधि ने भाजपा को दे दिया है

Positive India:Dayanand Pandey: सनातन की जगह उदयनिधि ने अगर इस्लाम को डेंगू , मलेरिया , कोरोना बताते हुए इस्लाम उन्मूलन की बात की होती तो इधर-उधर जलेबीनुमा चर्चा पर बात नहीं रुकती। अब तक तो…

रामेश्वरम तीर्थ की महिमा अपरंपार क्यो है ?

रामेश्वरम तीर्थ इस भरोसे का भी प्रतीक है कि यदि धर्म की शक्ति हो तो समुद्र पर भी पुल बांधा जा सकता है। और यह भी, कि अपनी विशालता के मद में चूर कोई सागर (शक्तिशाली मनुष्य) प्रार्थना के स्वर न…

क्या सचमुच विज्ञान धर्म का विरोधी है?

दो हजार वर्ष पूर्व जब आर्यभट्ट ने कहा कि हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर निरंतर घूमती है, तो क्या उनका विरोध हुआ? नहीं हुआ। बल्कि उन्हें समाज ने ऋषि की प्रतिष्ठा दी। वराहमिहिर ने जब सिद्धांत दिया…