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इसलिए सर्वश्रेष्ठ हैं मुख्यमंत्री योगी

Yogi Adityanath completes 4 years as UP Chief Minister.

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Positive India:Satish Chandra Mishra:
पिछले 4 वर्षों के दौरान उत्तरप्रदेश में 3 लाख करोड़ से अधिक के निवेश और उससे 35 लाख युवाओं को मिली नौकरी की बात मुख्यमंत्री योगी जब 19 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बता रहे थे तो वह कोई राजनीतिक लफ्फाजी नहीं कर रहे थे। उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था की सेहत उनके दावों की पुष्टि करती है। उल्लेखनीय है कि मार्च 2012 में अखिलेश यादव ने जब सत्ता सम्भाली, तब उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था (GSDP) 151 बिलियन डॉलर थी। 5 वर्ष में अखिलेश यादव की सरकार ने इसमें 35.35 बिलियन डॉलर की वृद्धि की। मार्च 2017 में अखिलेश यादव ने उत्तरप्रदेश की सत्ता योगी आदित्यनाथ को जब सौंपी तब उत्तरप्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार 186.35 बिलियन डॉलर था। आज 4 वर्ष पश्चात इसमें 81.4 बिलियन डॉलर की वृद्धि हो चुकी है। यह बढ़कर 268 बिलियन डॉलर हो चुका है। अखिलेश यादव की सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था में 5 वर्षों में की गयी 35.5 बिलियन डॉलर की वृद्धि से 130% अधिक वृद्धि योगी आदित्यनाथ ने केवल 4 वर्षों में की है। ध्यान रहे कि इन चार वर्षों में 8-9 महीनों का कोरोना काल भी सम्मिलित है। इन्हीं 4 वर्षों के दौरान प्रति व्यक्ति आय का आंकड़ा भी अखिलेश सरकार के कार्यकाल की तुलना में 104% अधिक बढ़ा है। अखिलेश सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान यह 32000 रू से बढ़कर 52740 रू तक पहुंचा था। 4 वर्ष बाद मार्च 2021 में यह 95000 रू के ऊपर हो चुका है। उल्लेखनीय है कि मार्च 2017 में प्रति व्यक्ति औसत आय का राष्ट्रीय आंकड़ा उत्तरप्रदेश से 97% अधिक (103870 रू) था। आज केवल 4 वर्ष बाद मार्च 2021 में प्रति व्यक्ति आय का राष्ट्रीय औसत उत्तरप्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत आय (95000) से केवल 19% अधिक रह गया है।
यह कमाल ऐसे ही नहीं हो गया है। इसमें मुख्यमंत्री योगी की क्या भूमिका है.? इसे इस बात से समझिये कि जीएसटी के तहत उनचास हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता था, वो बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए हो गया है। आबकारी में चार वर्ष पहले बारह हजार करोड़ रुपए राजस्व मिलता था,अब छत्तीस हजार करोड़ रुपए मिल रहा है। स्टाम्प एवं निबंधन में दस हजार करोड़ रुपए मिलता था, अब पच्चीस हजार करोड़ रू मिलता है। मंडी शुल्क में छह से आठ सौ करोड़ रुपए मिलता था, अब दो हजार करोड़ रुपए प्राप्त होता है। इसी प्रकार पूर्व में माइनिंग से उत्तर प्रदेश को करीब तेरह सौ करोड़ रुपए की आय ही होती थी, जो अब बयालीस सौ करोड़ रुपये तक हो गयी है। केवल कुछ प्रमुख विभागों का उपरोक्त संक्षिप्त विवरण ही गवाही दे रहा है कि सरकारी धन की लगभग एक लाख करोड़ की लूट उत्तरप्रदेश में हर वर्ष होती थी। सरकारी धन की लाखों करोड़ लूट की यह दस्तावेजी कहानी बहुत साफ शब्दों में बताती है कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश को किन भयानक परिस्थितियों से बाहर निकाला है। कल्पना करिए कि इसके लिये उन्हें किन ताकतों से कैसी लड़ाई लड़नी पड़ी होगी.?
उपरोक्त तथ्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ईमानदारी, कर्मठता सजगता सतर्कता का पुख्ता प्रमाण है। ध्यान रहे कि किसी भी विभाग के राजस्व में 4 वर्ष में 50% तक वृद्धि तो स्वाभाविक प्रतीत होती है लेकिन एकदम से 200-300 प्रतिशत की वृद्धि डंके की चोट पर यह ऐलान करती है कि पहले चोरी हो रही थी जिस पर अब रोक लग गयी है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि का जिक्र लुटियन मीडिया कभी नहीं करता है।
क्योंकि एक पोस्ट में पूरी बात नहीं हो सकती। इसलिए अखिलेश यादव के दावों और आरोपों की धज्जियां उड़ाने वाले तथ्यों के साथ मुख्यमंत्री योगी की कुछ अन्य विशिष्ट उपलब्धियों का उल्लेख अगली पोस्टों में।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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