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यंग आर्मस फाउंडेशन ने प्रोफिकारन- स्टार्टअप कॉन्क्लेव का किया शानदार आयोजन

Young Arms Foundation successfully organized Proficorn-The Startup Conclave .

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Positive India:Raipur:
यंग आर्मस फाउंडेशन ने प्रोफिकारन-स्टार्टअप कॉन्क्लेव(Proficorn-Startup Conclave)का शानदार आयोजन रायपुर के एक होटल में किया। स्टार्टअप(Startup) को एक्सपर्ट के साथ कनेक्ट करने की यंग आर्म्स फाउंडेशन(Young Arms Foundation) की ये अभिनव पहल थी। इसके तहत सर्वप्रथम पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इस पैनल में डॉक्टर जवाहर सूरीसेट्टी , डाक्टर हुलास पाठक, डॉ उज्जवल दीपक पैनलिस्ट थे,जिन्होंने स्टार्टअप के बेसिक्स पर अपने-अपने विचार प्रतिभागियों से साझा किए । किन्हीं अपरिहार्य कारणों से देहात के सीईओ शशांक कुमार नहीं आ पाए सो उनके स्थान पर देहात के को फाउंडर अमरेंद्र सिंह ने सभी प्रतिभागियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया तथा उन्हें समझाया कि स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए किन-किन चीजों का ध्यान रखना होगा ।
अरविंद अग्रवाल ने इस पैनल का मॉडरेशन किया तथा अपने मॉडरेशन के जरिए प्रतिभागियों के आशंकाओं को ना सिर्फ सामने रखा बल्कि उनकी तरफ से पैनल से भरपूर समाधान भी करवाया ।

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तत्पश्चात हैदराबाद से आए स्पीकर वैकी रामाचंद्रन ने “बिल्डिंग बिजनेस प्लान एंड प्रोडक्ट फिट” के जरिए एक वर्कशॉप करवाया; जिसमें अलग-अलग ग्रुप बनाकर प्रतिभागियों को प्रेरित किया गया कि वह स्वयं का बिजनेस प्लान बनाए जो रियलिस्टिक हो जिसे वह अचीव कर सके। ना सिर्फ उन्होंने बिजनेस प्लान बनवाया बल्कि स्टेज पर अलग-अलग ग्रुप प्रेजेंटेशन भी करवाएं। इस ग्रुप एक्सरसाइज से प्रतिभागियों ने जाना है कि वह अपने स्वयं के स्टार्टअप में क्या गलती कर रहे हैं और उन्हें कौन से प्रोडक्ट को सामने रखकर आगे बढ़ना है।

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डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक और पैनल डिस्कशन किया गया। इसमें लल्लूराम से नमित जैन , दी लोकल की नम्रता धारीवाल, बलू बनियान से मोहित साहू ने अपनी खुद के स्टार्टअप के बारे में आई हुई कठिनाइयों से प्रतिभागियों को रूबरू करवाया और बताया कि उन्होंने वे कौन से कदम उठाए, किन-किन चीजों का ध्यान रखा है और किस जज्बे के साथ आगे बढ़े कि आज लल्लूराम नंबर दो पर पहुँच गया ; रायपुर का दि लोकल ने अपने लिए एक विशेष स्थान बना लिया।
इस पैनल डिस्कशन का मॉडरेशन लक्ष्य पारख ने किया तथा चारों पैनलिस्ट के बीच में एक सूत्र बनते हुए उनसे उन पॉइंट पर प्रकाश डलवाया जिनकी प्रतिभागियों को बेहद जरूरत थी।

क्लीनटेक सर्विसेज से आए हुए स्पीकर डॉ अनिरुद्ध ने पीपल मैनेजमेंट पर अपने विचार रखे तथा प्रतिभागियों को बताया है कि कैसे वे 2200 सौ लोगों को मैनेज करते हैं। उन्होंने बताया कि 3 पी का फार्मूला यानी पीपल, प्रोसेस, प्रोडक्ट में यदि कोई एक चीज भी मिसमैच होती है तो स्टार्टअप अपनी उन ऊंचाइयों पर कभी नहीं पहुंच पाएगा जिस की मंशा को लेकर इसे शुरू किया गया है।

एएनएम कंसलटेंट से आई हुई स्पीकर मंजूषा परियल ने ग्राफिक के जरिए बखूबी प्रतिभागियों को यह समझाया कि जब हम कोई चीज को स्टार्ट करते हैं तो उसकी पिक्चर कैसे दिखाते हैं और जब फंडरेज करने की बारी आती है तो फंड देने वाला उस पिक्चर को अपने नजरिए से कैसे देखता है और यहां तक कि उस स्टार्टअप में काम करने वाले लोग इस प्रोजेक्ट को अपने नजरिए से कैसे देखते है। इतना ही नहीं मंजूषा परियल ने लगभग 70 ऐसे फैक्टर गिनवाए जिनके चलते स्टार्टअप फेल हो जाते हैं और लगभग 10 ऐसे फैक्टर बताए जिन पर अगर अमल किया जाए तो कभी भी ऐसा नहीं हो सकता कि स्टार्टअप सफल ना हो; बशर्ते इसे स्टार्ट करने वाला पूरी शिद्दत से उसको इंप्लीमेंट करें।

लिक्विडिटी तथा कैपिटल मॉडलिंग किसी भी स्टार्टअप के लिए हमेशा से एक प्रॉब्लम रही है । उन्हें समझ नहीं आता कि इसको कैसे मैनेज किया जाए। इसकी बारीकियों को बताने के लिए एक्यूलीगल के डायरेक्टर हर्षदीप गुंबर आए हुए थे । जिन्होंने बारीक से बारीक पॉइंट को बड़े ही सहज लहजे में प्रतिभागियों को बताया कि वह क्या करें ताकि किसी भी तरह के लीटीगेशन में आने वाले समय में ना पड़ सके तथा किन किन चीजों को अपनाएं ताकि भविष्य में स्टार्टअप को को बढ़ने का रास्ता खुला रहे।

ओपन सेशन के दौरान टेकमेंट से आए स्पीकर मनीष अग्रवाल ने अपनी एक्सपीरियंस को प्रतिभागियों के साथ शेयर किए तथा कितनी संभावनाएं स्टार्टअप के लिए निर्मित हो चुकी हैं और हो रही हैं उसके बारे में उन्हें बताया।

इस स्टार्टअप कॉन्क्लेव में प्रतिभागी एक्सपर्ट से रूबरू हुए तथा जाना कि किन चीजों का अपनाकर वे मल्टी मिलियन डॉलर कंपनी बन सकते हैं।

मीडिया से बातचीत में यंग आर्मस फाउंडेशन के रायपुर चैपटर के चेयरमैन हेमंत यादव ने बताया कि सोशल ऑर्गेनाइजेशन होने की वजह से यंग आर्मस फाउंडेशन की यह प्रतिबद्धता थी कि वह छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप्स एंटरप्रेन्योर्स को ऐसे लोगों से मिलवाए जो उनके स्टार्टअप को नई ऊंचाई देने के लिए अपनी तरफ से कुछ कंट्रीब्यूट्स कर पाए। यह तभी हो सकता था जब इस तरह के स्टार्टअप कॉन्क्लेव ऑर्गेनाइज किया जाए तथा स्टार्टअप तथा एक्सपर्ट को बुलाकर एक ऐसा प्लेटफार्म प्रदान करें जहां स्टार्टअप आइडिया तथा इसका एक्चुअल इंप्लीमेंटेशन को तह तक जाकर डिस्कस करे तभी स्टार्टअप अपने बिजनेस को नई ऊंचाई तक ले जा सकते है। हमें खुशी है कि यंग आर्मस फाउंडेशन अपने इस आबजैकटिव में कामयाब हुआ।

इस प्रोग्राम को सफल बनाने हेतु टीम यंग आर्मस फाउंडेशन का सम्मान पुरुषोत्तम मिश्रा के द्वारा सभी अतिथियों के हाथों करवाया गया।
मंच का संचालन सागर सेठिया द्वारा बखूबी किया गया । प्रोग्राम समाप्ति पर इलेक्ट्रिफाइंग तरीके से मिस्टर टारगेट द्वारा सभी मेहमानों का एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस प्रोग्राम में निलेश शाह, आलोक अग्रवाल , मनीष जैन, शिल्पा नाहर, चैप्टर को-चेयरमैन सागर जैन, को-कन्वीनर जतिन झारिया, प्रसाद मेहर, जतिन ठक्कर ,नीरज टोपो, आनंद यादव, हरजीत कौर, अनमोल बाजपेई , कौशल विश्वकर्मा , अनिल वर्मा, मेघा सोनी तथा लता सिन्हा ने महती भूमिका निभाते हुए इसे सफल बनाया ।

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