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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तरवासियो को दी अनेक सौगात

इंद्रावती विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा स्थानीय युवाओं को भर्ती में प्राथमिकता के लिए कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का बस्तर में गठन

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Positive India:Raipur;
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बस्तर प्रवास आज सभी बस्तर वासियों के लिए यादगार रहेगा। मुख्यमंत्री ने जगदलपुर में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में बस्तर की जन भावनाओं के अनुरूप अनेक घोषणाएं की, जिसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। श्री बघेल ने जनप्रतिनिधियों की मांग पर बैठक में इन्द्रावती विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की। उन्होंने इसके साथ ही बस्तर के युवाओं को सरकारी सेवा में अवसर देने के लिए बस्तर में ही कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के गठन की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इंद्रावती नदी को बस्तर की जीवनदायिनी नदी बताते हुए इसके संरक्षण और संवर्धन को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और इंद्रावती नदी विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की। उन्होंनेे कहा कि इंद्रावती नदी के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरवा बाड़ी योजना के तहत किए जा रहे नालों के संरक्षण के समान ही इंद्रावती नदी के संरक्षण के लिए वृहद तौर पर कार्य करने की जरुरत बताई। श्री बघेल ने कहा कि इंद्रावती नदी के संरक्षण के लिए आवश्यक है कि इसकी सहायक नदियों और नालों का संरक्षण किया जाए और वहां वाटर रिचार्ज के लिए कार्य किया जाए। उन्हांेंने कहा कि चित्रकोट जलप्रपात बस्तर के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ की अमूल्य धरोहर है और इसकी सुंदरता को यथावत बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने इंद्रावती नदी के संरक्षण के लिए गठित प्राधिकरण में विशेषज्ञों को शामिल करने के निर्देश दिए, जिससे उनके अनुभवों का लाभ प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने एनएमडीसी का क्षेत्रीय कार्यालय बस्तर में खोलने और एनएमडीसी में नौकरी में बस्तर के लोगों को प्राथमिकता देने के लिए दन्तेवाड़ा और जगदलपुर में भर्ती परीक्षा केन्द्र बनाने एनएमडीसी को पत्र भेजने मुख्य सचिव को निर्देश दिए। उन्होंने एनएमडीसी द्वारा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल शुरू करने में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बस्तर से एनएमडीसी को राजस्व प्राप्त होता है इसलिये अस्पताल भवन, आवश्यक उपकरण और डॉक्टरों एवं स्टाफ की व्यवस्था भी एनएमडीसी को करना चाहिए। उन्होंने इसके लिए राज्य शासन और एनएमडीसी की उच्च स्तर पर बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने बस्तर विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि प्राधिकरण के कार्य वास्तविक धरातल में भी दिखना चाहिए । उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि निमार्ण कार्यों में गुणवत्ता में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बस्तर के किसानों के साथ हुए धोखाधड़ी के मामलों को गंभीरता से लेते हुए जालसाजों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ धोखाधड़ी की सभी शिकायतों की गंभीरतापूर्वक कड़ाई जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने आदिवासी संग्रहालय के स्थापना करने की मांग को स्वीकृति दी।बैठक में मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में पेयजल की समस्या के संबंध में जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने बस्तर संभाग के जिन स्थानों पर लाल पानी, आयरन और फ्लोराईड युक्त पानी की समस्या है, वहां पर सतही जल का उपयोग पेयजल के लिए करने हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही समस्याओं के लिए कहा कि प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरलीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिता के जाति प्रमाण पत्र होने की स्थिति में बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र जारी करते समय ही जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। प्राधिकरण के बैठक में अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी और सन्तराम नेताम, मंत्री श्री कवासी लखमा सहित अन्य विधायकों व जनप्रतिनिधियों ने बस्तर संभाग के समस्याओं के संबंध में भी अपनी मांग रखी, जिसमें स्थानीय लोगों को भर्ती प्रक्रिया में लाभ देने, मनरेगा के कार्यों में नगद भुगतान, पोलावरम बांध के निर्माण से कोंटा क्षेत्र के हिस्से डूबान में आने से होने वाली समस्या, प्राधिकरण से अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र को ज्यादा राशि मिलने, किसानों से धोखाधड़ी रोकने के लिए समिति बनाने, केशकाल बाईपास रोड़ के अधूरे निर्माण को पूर्णं करने, महारानी अस्पताल का सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की सुविधा देने सहित अन्य विषय पर चर्चा की गई।

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