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Politics

कोवी़शील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर सवाल करनेवाले कैसे भूल जाते हैं कि इस वैक्सीन…

जिन्हें राजनीति करनी है वे कोविड से बचे ही राजनीति करने लिए हैं तो खूब राजनीति करें । सरकार महामारी से देश को बचा चुकी है इसलिए ज़िन्दा रहने का लाभ उठायें ।

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

नवउदारीकरण के दौर ने समूचे परिदृश्य को बदल दिया है और ट्रेड यूनियनों के सामने नई चुनौतियां पेश हुई हैं| मुनाफे अधिकतम करने की कोशिश में वित्तीय पूंजी और ज्यादा खूंखार और आक्रामक हुई है और…

हिंदू-मुसलमान का आइस-पाइस , आरक्षण की मलाई और चुनाव के मायने

संविधान की आड़ में , संविधान को बचाने का शोर भी यही नफ़रती तत्व सब से ज़्यादा करते हैं। संविधान तोड़ते रहते हैं , संविधान बचाने का टोटका करते रहते हैं। वह चाहते तो शरिया मुस्लिम पर्सनल लॉ ही हैं…

जयचंद और मानसिंह को लेकर ताने देना क्यों बंद करना चाहिए?

राजपूतों की सहनशीलता और क्षमाशीलता की प्रशंसा करनी चाहिए। आज scst का कोई व्यक्ति थानेदार भी बनता है तो रात को रंडियां नचवाता है जबकि वे किलों और हवेलियों के स्वामी भी शाम को कंठी माला लेकर…

किसी लेखक के लिए किसी खूंटे में बंध कर रहना बिलकुल ज़रुरी नहीं

कम्युनिस्ट हो कर एकपक्षीय , एजेंडाधारी , अराजक और विषैला होना बहुत बुरी बात है । सभी लोग इस तत्व से चिढ़ते हैं । उन की हिप्पोक्रेसी से चिढ़ते हैं ।

आपको अगर भविष्य में हिंदू राष्ट्र चाहिए, तो वोट कीजिए, अन्यथा…

अगर ये बदलना है,तो आराम को लात मारकर,अपनी देह से बाहर करिए,और वोट करिए,नहीं तो भूल जाइए अपने त्योहार मनाना जिस जोश से पिछले कुछ वर्षों से आप परिवार संग मना पा रहे हैं,हर हर महादेव,जय श्री…

छोटे राज्य का बड़ा चुनाव

यदि कांग्रेस दो से अधिक सीटें जीत पाती हैं तो यह एक उपलब्धि होगी और यदि भाजपा के सभी प्रत्याशी जीत दर्ज करते हैं तो यह विशुद्ध रूप से केवल मोदी-गारंटी की जीत होगी, प्रधान मंत्री नरेंद्र…

राहुल गांधी ने सैम पित्रोदा के जरिए संपत्ति वितरण का आईडिया क्यों फ्लोट करवाया?

सैम पित्रोदा और राहुल गांधी जिस सम्पत्ति वितरण की बात कर रहे हैं उसकी गाज तों नवधनाढ्य वर्ग पर पड़नी है । बड़े बड़े औद्योगिक घराने निशाने पर आयेंगे ।

इस चुनाव के बाद भविष्य में जातिवादियों की लंका लगनी क्यों तय है?

राजपूतों का भी एक वर्ग घृणित जातिवाद के विरुद्ध है। यही प्रवृत्ति scst और मुसलमानों तक में शुरू हो गई है। कुछ वर्गों में यह 10:90 है तो कई जगह 50:50 है। और जहां बाजी पलट चुकी है, अर्थात…