www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

बालासाहेब ठाकरे के बाद शिवसेना का क्षेत्रवाद की राजनीति गर्त की ओर क्यों अग्रसर है?

-विशाल झा की कलम से-

Ad 1

Positive India:Vishal Jha:
शिवसेना का हिंदुत्व भले राष्ट्रवादी था, लेकिन मराठी अस्मिता क्षेत्रवाद के शिकार से बच नहीं सका। बालासाहेब ठाकरे के बाद शिवसेना का क्षेत्रवाद राष्ट्रवादी हिंदुत्व के साए से बिल्कुल बाहर निकल गया।

Gatiman Ad Inside News Ad

जिस प्रकार गुजरात में पटेल को लेकर जातिवाद की राजनीति पिछले विधानसभा चुनाव में टूट कर बिखर गया, उत्तर प्रदेश ने जातिवाद के विरुद्ध अपनी राजनीतिक परिपक्वता को पिछले दो विधानसभा चुनाव से प्रमाणित कर दिया है, उत्तर में हिमाचल प्रदेश हो तथा पूर्वी भारत में मणिपुर अथवा तमिलनाडु का लोकल बॉडी इलेक्शन हो, चारों ओर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का एक पैन इंडिया आइडिया बड़ी सकारात्मकता से आगे बढ़ रहा है।

Naryana Health Ad

महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता वाली राष्ट्रवादी हिंदुत्व की सरकार होते हुए भी पालघर में साधुओं की हत्या से लेकर हनुमान चालीसा गाने पर राजद्रोह का मुकदमा चलाये जाने तक का पूरा मामला कहीं ना कहीं मराठी वाली क्षेत्रवाद की राजनीति को गर्त तक पहुंचा दिया है। क्षेत्रवाद जितना कमजोर होगा, अखिल राष्ट्रवाद उतना ही मजबूत होगा। नियति ने भी जैसे तय कर लिया हो कि हर कीमत पर जाति, भाषा, क्षेत्र आदि के नाम पर होने वाली राजनीति अब राष्ट्र के नाम शिफ्ट कर दिया जाएगा।

देशभर में विविधता में एकता के नाम पर आज तक जितनी राजनीति हुई है, कहीं ना कहीं वह राजनीति एक तरह से लोक कल्याण के विरुद्ध साबित हुई है। क्षत्रिय विविधता का यह मुद्दा कहीं ना कहीं एकता की दिशा से भटक कर बंटवारे की राजनीति को बल दे गया। ऐसी राजनीति में विकास और लोक कल्याण जैसी जरूरी चीजें गुम हो जाते हैं। लूट, भ्रष्टाचार, अपराध आदि को राजनीतिक तौर पर प्रश्रय मिलने लगता है।

जाने अनजाने इन्हीं कारणों से ऊबे हुए लोग नए प्रकार की राजनीति का विकल्प जोहते हैं। नए विकल्प के तौर पर राष्ट्रवाद की राजनीति ने लोगों को एक भरोसेमंद आलंबन दिया है। जिसमें विकास, लोक कल्याण जैसे सभी विकल्प मौजूद तो हैं ही, साथ में एक नागरिक के तौर पर राष्ट्र की अस्मिता से जुड़ने का एक अलग ही अनुभव प्राप्त होता है।

साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.