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लव जेहादी शाहरुख ने घर में सोई हुई अंकिता को पेट्रोल डालकर क्यो जिंदा जला दिया?

-विशाल झा की कलम से-

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Positive India:Vishal Jha:
आखिरकार अंकिता(Ankita) नहीं बच सकी। अंतिम सांस तक जीवन के लिए संघर्ष करती रही। जो मानसिकता मरे हुए मुर्दे को जलाने की हिम्मत नहीं करता, वह मानसिकता जीवित अंकिता को जलाने में सफल हो गया। अंकिता को भारत में जन्म लिए केवल 18 साल हुए थे। उसे कहां मालूम था कि नाम शाहरुख(Shahrukh) है तो फोन पर बात करने से इंकार कर देना उसको दर्दनाक मौत दे सकता है।

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वह अपने मां को बताई। घर के लोगों को बतायी। पुलिस में शिकायत भी की गई। लेकिन अंकिता को नहीं मालूम कि पुलिस के पास अपराधियों की सजा है। मुगलिया सोच वाली क्रूर मानसिकता का पुलिस के पास कोई इलाज नहीं। फिर क्या था? घर में सोए ही अंकिता पर पेट्रोल डालकर शाहरुख ने आग लगा दिया।

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घटना के बाद ही शाहरुख को पुलिस गिरफ्तार कर ले गई। लेकिन पुलिस शाहरुख को गिरफ्तार कर ले गई, उस मानसिकता को नहीं जो मानसिकता भारत को 800 वर्षों तक क्रूरतापूर्वक कब्जाने वाले को अपना आदर्श मानती है। महमूद गजनबी से लेकर बाबर, अकबर, औरंगजेब को शासक मानकर उसके ऊपर गर्व करने वाली क्रूर मानसिकता आज भी हमारे समाज को उसी प्रकार दर्द दे रही है।

शाहरुख अब दोषी सिद्ध होगा। दलील देने वाले कहेंगे शाहरुख को गिरफ्तार कर ही लिया गया है तो कानून अपना काम करेगा। लेकिन फिर सवाल कि कानून शाहरुख पर काम करेगा या उस मानसिकता पर जो सड़ी हुई मुगलिया समाज से पैदा होती है? मुगलिया मानसिकता के खिलाफ मध्यकाल में भी भारतीय समाज को स्वयं लड़ना पड़ा था। पर आज?

साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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