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रिपोर्टरों पर सत्ताधीशों के गुंडे बेखौफ और बेलगाम होकर हमला क्यों करते हैं?

घृणा और उपेक्षा का केन्द्र बन गए बॉलीवुड की छवि चमकाने का ठेका लिया NBA ने।

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Positive India:Satish Chandra Mishra:
रिपोर्टरों पर सत्ताधीशों के गुंडे बेखौफ और बेलगाम होकर हमला इसीलिए करते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि इन रिपोर्टरों के मठाधीश आका बेशर्म हैं बिकाऊ हैं और हमारे इशारे पर कठपुतलियों की तरह नाचने को हर समय तैयार हैं…
कृपया ध्यान से पूरा पढ़िये।
न्यूजचैनलों की एक यूनियन है। नाम है NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन)। इस एसोसिएशन का अध्यक्ष इंडिया टीवी वाला रजत शर्मा है। लुटियानिया न्यूजचैनलों समेत कुल 77 न्यूजचैनलों का गैंग है यह एसोसिएशन। पत्रकारिता के हित में यह एसोसिएशन क्या काम करती है, कैसा काम करती है.? अब जरा यह भी जानिए समझिये।
3 दिन पहले 1 अप्रैल को जीटीवी की नौजवान महिला पत्रकार, उसके फोटोग्राफर साथी और ड्राइवर पर हुए जानलेवा हमले पर यह पूरी एसोसिएशन 3 दिन बाद भी चुप्पी साधे है। यह स्थिति तब है जब जीटीवी का सुधीर चौधरी भी इस एसोसिएशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल है। लेकिन यह एसोसिएशन हमेशा ऐसी चुप्पी नहीं साधती। बीती 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन झूठी खबर दिखा कर राजधानी दिल्ली में भयंकर हिंसा की आग भड़काने के कुकर्म में राजदीप सरदेसाई समेत 6 तथाकथित पत्रकारों और कांग्रेसी नेता थरूर के खिलाफ जब दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज करी थी तो यही एसोसिएशन आगबबूला हो गयी थीं। बिजली की तेजी से सक्रिय हुई थी। एसोसिएशन ने सीधे सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि FIR तत्काल रद्द की जाए। क्योंकि यह FIR प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है।
उल्लेखनीय है कि हम सब ने, पूरे देश ने देखा था कि 26 जनवरी को पुलिस फायरिंग से दिल्ली में एक किसान की मौत की झूठी खबर राजदीप सरदेसाई ने अपने न्यूजचैनल इंडिया टुडे और आजतक के माध्यम से किस तरह दिल्ली समेत पूरे देश में फैलाई थी। उस झूठी खबर को हथियार बना कर देशद्रोही गुंडों ने लालकिले समेत दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा का खूनी खेल खेला था। सैकड़ों पुलिस वालों पर जानलेवा हमले किये थे। हालांकि उस दिन पुलिस फायरिंग की कोई घटना हुई ही नही थी। लेकिन NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) सरकार से मांग कर रही थी कि झूठी खबर फैलाने वाले पत्रकारों के खिलाफ दर्ज FIR तत्काल रद्द हो। उल्लेखनीय है कि यही NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) 26 जनवरी से केवल 3 महीने पहले 25 अक्टूबर को रिपब्लिक न्यूजचैनल की पत्रकारिता को ज़हरीली और सिद्धांतहीन घोषित कर के उसे खुलेआम धमका रही थी, उसको चेतावनी दे रही थी कि वो अपनी सीमा में रहे और लक्ष्मण रेखा को ना लांघे। उस समय रिपब्लिक चैनल पालघर में हिन्दू साधूओं की निर्मम हत्या, सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान की संदेहास्पद मौत को लेकर मुंबई पुलिस तथा महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव और गृहमंत्री अनिल देशमुख को तीखे गम्भीर सवालोँ के कठघरे में खड़ा कर रहा था। लेकिन NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) को यह रास नहीं आया था और वह रिपब्लिक चैनल को धमकाने पर उतारू हो गई थी। अरनब के विरुद्ध अत्याचार की सारी हदें पार करने वाले परमबीर सिंह की प्रशंसा और समर्थन में रजत शर्मा भी खुशी से खूब झूमा था। NBA के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल सुधीर चौधरी भी उन्हीं दिनों अपने कार्यक्रम DNA में सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग एडिक्ट नशेड़ी सिद्ध कर के यह ऐलान करने में जुटा हुआ था कि सुशांत ने आत्महत्या की है। यह सारे हथकंडे परमबीर और उद्धव सरकार को क्लीन चिट देने के लिए आजमाए जा रहे थे।
NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) की करतूतों की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आगे की कहानी सुनकर आप चौंक जाएंगे। TRP घोटाले की जांच CBI से कराने के उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर केन्द्र सरकार ने जब CBI को जांच सौंप दी थी तो मुख्यमंत्री योगी के आदेश से NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) बुरी तरह तिलमिला गयी थी और इसने केन्द्र को चिट्ठी लिख कर मांग की थी कि CBI से जांच वापस ली जाए क्योंकि मुंबई पुलिस बहुत अच्छे से जांच कर रही है। NBA ने यह मांग क्यों की थी, उसे मुंबई पुलिस का काम बहुत अच्छा क्यों लग रहा था.? जरा यह भी समझिये। TRP घोटाले की जांच के निष्कर्ष अब सामने आ चुके हैं। रिपब्लिक चैनल के खिलाफ किसी प्रकार का कोई सबूत नहीं मिला है। रिपब्लिक के बजाय इंडिया टुडे चैनल के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं। इससे पहले जांच के नाम पर मुंबई पुलिस द्वारा की गई भ्रष्ट कार्रवाई की अदालत में धज्जियां भी उड़ चुकी हैं। लेकिन NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) को केवल मुंबई पुलिस की ही कार्रवाई इसलिए बहुत अच्छी और विश्वसनीय लग रही थी क्योंकि उसने अपनी जांच में इंडिया टुडे को क्लीन चिट देकर रिपब्लिक और उसके एडीटर इन चीफ अरनब गोस्वामी को अपराधी घोषित कर दिया था। NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में इंडिया टुडे की वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर तथा मालिक अरुण पुरी की बेटी कली पुरी भी शामिल है।
NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) की ऐसी करतूतों की सूची बहुत लंबी है जिनका उल्लेख एक ही पोस्ट में कर पाना असंभव है लेकिन एक अत्यन्त महत्वपूर्ण तथ्य के उल्लेख के साथ यह पोस्ट समाप्त करूंगा। वह सर्वज्ञात तथ्य यह है कि सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद हत्या/आत्महत्या के बाद से देश में बॉलीवुड के खिलाफ भयंकर आक्रोश व्याप्त है। ऐसी स्थिति में बॉलीवुड की छवि सुधारने, उसका प्रचार करने का ठेका इसी NBA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन) का प्रेसिडेंट और इंडिया टीवी का मालिक रजत शर्मा लिए हुए है। पता नहीं आप मित्रों में से कितनों ने इस बात पर ध्यान दिया है कि पिछले 4-6 महीनों से इंडिया टीवी के कार्यक्रम “आपकीं अदालत” में रजत शर्मा केवल बॉलीवुड के नाचने गाने वालों के पुराने कार्यक्रम ही दिखा रहा है। यह संयोग नहीं है। यह रजत शर्मा का प्रयोग है।
भारतीय जनमानस की भयंकर घृणा और उपेक्षा का केन्द्र बन गए बॉलीवुड की भारतीय घरों में घुसपैठ करा कर बॉलीवुड को रजत शर्मा किसी तरह भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करने का जीतोड़ प्रयास कर रहा है। ध्यान रहे कि बॉलीवुड की एक खूबी है कि वो अपना कोई काम फ्री में नहीं कराता है। अपनी सेवा के बदले बोरा भर के मेवा देता है।
आज अत्यन्त संक्षेप में उपरोक्त NBA कथा इसलिये लिखी ताकि स्पष्ट कर सकूं की जमीन पर काम करने वाले नौजवान रिपोर्टरों पर सत्ताधीशों के गुंडे बेखौफ और बेलगाम होकर हमला इसीलिए करते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि इन रिपोर्टरों के मठाधीश आका बेशर्म हैं बिकाऊ हैं और हमारे इशारे पर कठपुतलियों की तरह नाचने को हर समय तैयार हैं।
यदि आप उपरोक्त तथ्यों से सहमत हैं तो इस शर्मनाक सच्चाई से हर नागरिक को अवगत कराने का प्रयास युद्धस्तर पर करिये।🙏🏻
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी (ये लेखक के अपने विचार हैं )

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