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Cinema news

किशोर कुमार के जीवन का अंतिम दिन अत्यंत साधारण था!

उनकी हालत तेज़ी से बिगड़ी। आँखें मुंदने लगीं, दम फूलने लगा। दो साल पहले किशोर ऐसा ही एक मज़ाक करके लीना को डरा चुके थे। लीना सोचने लगीं कि क्या वे फिर से मज़ाक कर रहे हैं? लेकिन किशोर अपने…

सिनेमाई संसार में पराजित प्रेम कहानियों की सर्वश्रेष्ठ नायिका कौन? रेखा! रेखा और केवल…

प्रेम बूढ़ा नहीं होता कभी! रेखा कभी बूढ़ी नहीं होंगी। यूँ ही गुजर जाएंगी, कातिक की रात में रजनीगन्धा की गंध लिए निकले किसी झोंके की तरह... यही उनकी नियति है...

“फना” फिल्म की कथानक एक कश्मीरी अलगाववादी को आम जनता में लेजिटिमेसी…

काजोल ने बयान दिया है कि इस देश में अशिक्षित नेताओं द्वारा शासन किया जा रहा है। जिसके पास कोई भी विजन नहीं है। 'अंधी' काजोल को इतना तक पता नहीं कि...

प्रेम के जाल में फंसा कर छल किये जाने का क्रूरतम अत्याचार दर्शाती है “द केरल…

पश्चिम से आने वाले बर्बर आतंकी भारत में विजयी होने के बाद यहाँ की स्त्रियों बालिकाओं के साथ कैसा राक्षसी व्यवहार करते थे, यह इतिहास की किताबें रो-रो कर बताती रही हैं। यहाँ से…

‘द केरला स्टोरी’ पर विपक्ष का पूरा इकोसिस्टम क्यो तिलमिला रहा है

'द केरला स्टोरी' की वजह से जिहाद के कुनबे में अलग तरह की तिलमिलाहट है, बिल्कुल नेचुरल तिलमिलाहट। इस्लामिक स्टेट.. अर्थात आईएसआईएस और पीएफआई ने केरल को जिस प्रकार से अपने जिहाद में जकड़ लिया…

शाहरुख खान की “पठान” डूबने के साथ अन्य कलाकारों के गले की हड्डी क्यों बन…

कौन होगा जो जिस फिल्म में काम किया हो उसी के ट्रेलर रिलीज पर एक शब्द भी बोलने को तैयार ना हो। जॉन अब्राहम के रवैये से पठान न केवल डूबता साबित हो रहा है बल्कि पठान के कलाकारों के लिए पठान…

क्या “पठान” का बहिष्कार भगवा रंग के पार जाकर भी नहीं रुकने वाला?

शाहरुख खान की फिल्म पठान को लेकर ये देश लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहा है। फिल्म को देखने के लिए नहीं, बल्कि बहिष्कार के लिए। बॉलीवुड के दाऊद नक्सस को नष्ट करने की बात जब भी की जाती है, उसमें…

मेगास्टार चिरंजीवी को मिला आईएफएफआई 53 का फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर पुरस्‍कार

चिरंजीवी ने तेलुगु में 150 से अधिक फीचर फिल्मों के साथ-साथ हिंदी, तमिल और कन्नड़ में कुछ फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें तेलुगु सिनेमा के सबसे सफल और प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक माना जाता…

मनोज मुंतशिर को यदि हम वामपंथी ही मान लें तो उन्हें क्या फर्क पड़ता है?

मनोज मुंतशिर सोनी टेलीविजन के महीन नैरिटिव वाले मंचों पर मुगलों की बखिया उधेड़ से नजर आए। अब बॉलीवुड मनोज मुंतशिर के इस छवि को बेचना चाहता है। अथवा शिकार करना चाहता है?

फ़िल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज होने से पहले ही पिट चुकी है

फ़िल्म 'आदिपुरुष' रिलीज होने से पहले ही पिट चुकी है। यह लिख कर रख लीजिए। क्यों कि सोशल मीडिया , इन दलाल चैनलों की अपेक्षा बहुत ज़्यादा पावरफुल है। जनता जानती है कि ग़लत क्या है और सही क्या है।…