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मुस्लिम

हिंदू-मुसलमान का आइस-पाइस , आरक्षण की मलाई और चुनाव के मायने

संविधान की आड़ में , संविधान को बचाने का शोर भी यही नफ़रती तत्व सब से ज़्यादा करते हैं। संविधान तोड़ते रहते हैं , संविधान बचाने का टोटका करते रहते हैं। वह चाहते तो शरिया मुस्लिम पर्सनल लॉ ही हैं…

मुस्लिम समाज के लोग अपनी उन्नति मदरसों , मज़हबी अफीम और दारुल उलूम में ही क्यों देखते…

मुस्लिम समाज के स्वाभाविक नेता ओवैसी या आज़म खान जैसे जाहिल और जहरीले लोग हैं । यही रहेंगे । कांग्रेस , सपा , बसपा , लालू , ममता जैसे लोग इन को बिगाड़ कर पत्ते की तरह इन का वोट बटोरने के लिए…

मुसलमानों ने फ्रांस का सबसे बड़ा पुस्तकालय क्यो फूँक दिया ?

चार दिन पहले गिड़गिड़ा कर शरण मांगते घुसे कुछ लोग पूरे देश को परेशान कैसे कर रहे हैं? स्कूल कैसे तोड़ रहे हैं, पुस्तकालय कैसे फूंक रहे हैं?

मुसलमानों ने फ्रांस की सबसे बड़ी पब्लिक लाइब्रेरी को आग के हवाले कर ईद अल-अज़हा का…

फ्रांस में विश्व हिंदू परिषद नहीं है। आरएसएस नहीं है। बजरंग दल नहीं है। फिर भी फ्रांस क्यों चल रहा है? फ्रांस में सड़कों पर शोभायात्रा नहीं निकल रही है। हनुमान चालीसा नहीं हो रहा है। फिर भी…

जय भीम , जय मीम का नैरेटिव सिर्फ़ और सिर्फ़ फ्राड है

आंबेडकर मुस्लिम समाज को अभिशाप शब्द से याद करते हैं । आंबेडकर की स्पष्ट धारणा है कि इस्लामी जनता से अलग हो कर ही भारत का विकास हो सकता है । अम्बेडकर यह भी लिखते हैं कि , कितना भी तुष्टिकरण…

तुलसीदास ने साबित कर दिया कि कलम की ताक़त तलवार सें कहीं अधिक होती है

उस युग में जब प्रचार प्रसार के साधन नहीं थे तब तुलसी की मानस घर घर पहुँच गई । इसकी चौपाइयाँ दोहे छंद मंत्र बन कर दैनिक पूजा का अंग हो गए। तलवार की धार तले रौंदा जाता सनातन धर्म फिर सीना तान…

गोया मुगल न आए होते तो भारत यतीम ही बना रहता

ब्रिटिशर्स यहां व्यापारी बन कर आए थे लेकिन मुगल तो सीधे-सीध आक्रमणकारी बन कर आए थे । सोने की चिड़िया को लूट लिया । जाने कितने मंदिर लूटे और तोड़े बारंबार । समृद्धि , सुख-चैन लूट लिया । उन का…

जिन्ना का डिवाइड इंडिया डिस्ट्राय इंडिया का खेल अभी भी बदस्तूर जारी है बस डायरेक्ट…

डिवाइड इंडिया , डिस्ट्राय इंडिया का हामीदार जिन्ना तैमूर , अलाऊदीन खिलजी , औरंगजेब आदि का मिला-जुला कॉकटेल था। याद कीजिए जिन्ना का डायरेक्ट एक्शन प्लान। इतिहास का सब से बड़ा नरसंहार का दिन था…

जंगलराज के पर्याय एम वाई फैक्टर को चकनाचूर करना क्यों बहुत ज़रुरी हो गया है ?

मुलायम ने भी उत्तर प्रदेश में सब से ज़्यादा हिंदू-मुसलमान दंगे करवाए। अखिलेश यादव ने भी। लोकतंत्र के नाम पर कलंक हैं यह दोनों पार्टियां। राजद हो या सपा। सेक्यूलर होने की चाशनी में अपराधियों…

हिजाब की किताब फाड़ने के लिए मुस्लिम समाज को फिर एक शाहबानो क्यों चाहिए ?

यह शाहबानो ही थी जिस ने कांग्रेस की जड़ों में चाणक्य की तरह ऐसा मट्ठा डाला कि तब 1986 में 400 सांसदों वाली कांग्रेस अब आहिस्ता-आहिस्ता घट कर 44 पर आ गई है।