www.positiveindia.net.in
Browsing Tag

नरेन्द्र मोदी

लाल किले की प्राचीर से मोदी शासन का यह 10वाॅं संवाद अलग क्यों है?

10वें संबोधन का जो सबसे महत्वपूर्ण टर्म है वह है, 'तीसरा टर्म' और 'विश्व अर्थव्यवस्था में भारत के तीसरे स्थान का लक्ष्य'। बड़ी साफ बात है कि तीसरे टर्म के लिए एक बार फिर बड़ी सफाई से विकास…

अच्छा लगता है देश के प्रधान को चमकते हुए देखना !

अच्छा लगता है जब अमेरिकी संसद के सारे सदस्य भारतीय प्रधानमंत्री को ऑटोग्राफ लेने और सेल्फी खिंचाने के लिए देर तक घेरे रहते हैं, और हाथ मिलाने के लिए लाइन में लगते हैं। अमेरिकी संसद में…

किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को क्षमा नहीं करना चाहिए: नरेन्द्र मोदी

मोदी, "भ्रष्टाचार करना कोई साधारण प्रकार का अपराध नहीं है; यह गरीबों के अधिकार छीनता है, यह कई अन्य अपराधों का मार्ग प्रशस्त करता है; वास्तव में भ्रष्टाचार नैतिक पतन करता है और यह न्याय तथा…

यदि राहुल गांधी की सदस्यता फिर से बहाल हो जाती है तो मोदीजी की ’24 वाली राजनीति…

राहुल गांधी की नागरिकता मोदी वाली भाजपा का एक रोचक चैप्टर है। सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने के लिए पर्याप्त कागजात तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उपलब्ध करा दिया…

प्रधानमंत्री मोदी ने बोहरा समुदाय के मुसलमानों के साथ अपनी मुलाकात को नए तरीके से…

पसमांदा मुसलमानों और अशराफ मुसलमानों का अनुपात तकरीबन 80 अनुपात 20 का है। ठीक वैसे ही जैसे दलित और सवर्ण का है। 20% अशराफ, 80% पसमांदा को दबाकर कुचलकर उसके ऊपर मजहबी एकता का झंडा बुलंद करते…

नेहरू कभी भी किसी के सामने नहीं रोते तो क्या कोई और नहीं रो सकता

वामपंथी दोस्त तो नरेंद्र मोदी की हर अच्छी बात में भी निगेटिव खोज लेते हैं। हां , जाने क्यों अभी तक न वामपंथी , न कांग्रेस , न कोई और विरोधी नरेंद्र मोदी के रोने में अडानी , अंबानी कनेक्शन…

देश देख रहा है, एक अकेला कैसे कितनों को भारी पड़ रहा है

दोनों सदनों में मोदी जी के भाषणों का बयांकरण बता रहा है कि चुनावी बिसात बिछ चुकी है। "मैं अकेला कितनों पर भारी हूं" वाला बयान बताता है कि इस बार मोदी जी अपने कार्य और साख के साथ-साथ अपनी छवि…

एनजीओ चलाने वाले अधिकांश वामपंथी लेखक ऐक्टिविस्ट क्यो बन गए?

कभी मानव संसाधन मंत्री रहे अर्जुन सिंह ने इन लोगों के एन जी ओ को विपुल धनराशि दे-दे कर इन की आदतें बिगाड़ दीं । मनबढ़ बना दिया। कहूं कि अपना कुत्ता बना लिया। यह एन जी ओ अनुदान का काकस मोदी राज…

कभी था एम वाई , अब डबल एम फैक्टर है , भाजपा मुक्त भारत का सपना देखने-दिखाने वाला

डबल एम मतलब मुस्लिम और मुफ्तखोर। देश की राजधानी दिल्ली में यह फैक्टर सिर चढ़ कर बोल रहा है। पंजाब में भी इस का जलवा दिखाई दिया बीते चुनाव में। और तो और नरेंद्र मोदी और अमित शाह को चपतियाते…