यह वही टैगोर हैं जिन की तमाम मूर्तियां लगभग यही लोग पश्चिम बंगाल में तोड़ डालते हैं। सत्तर के दशक की बात है यह। यह वही समय है जब बेटों के खून में भात सान कर मां को खिलाया गया। साहित्य अकादमी…
करण थापर नाम का पत्रकार जो उसी गद्दार दीवान बहादुर लाला कुंजबिहारी थापर का पौत्र और प्राणनाथ थापर का पुत्र है।
नेहरू खानदान से अपनी इसी रिश्तेदारी के कारण दिल्ली के लुटियनिया मीडिया दरबार…
अवार्ड वापसी गैंग के लोगों ने बीते बरसों में ऐसा प्रदर्शित किया गोया साहित्य अकादमी नरेंद्र मोदी के पिता जी की जागीर हो। और साहित्य अकादमी अवार्ड वापस कर देश में एक जहरीला वातावरण तैयार किया…