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पिछले 60 दिनों का Lockdown एक बड़ा मजाक बन कर रह गया!!

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Positive India:3 June 2020:
देश को lockdown का फैसला जब केंद्र ने महामारी और मौत की आहट के चलते लिया होगा, तब शायद केंद्र सरकार को अंदाजा न होगा कि संघीय ढांचे के अंतर्गत राज्य अपने मूल कर्तव्यों का निर्वहन नही करेंगे और अपने नागरिकों को, जो फ्री का राशन केंद्र दे रही थी वो भी नहीं खिलाएंगे…!!

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माना कि lockdown अकस्मात था, फिर भी राज्य सरकारें अगर चाहती तो देश की सुरक्षा के लिए जो जहां है वहीं रहे.. का पालन करती.. इसमें थोड़ी कठिनाई होती या हो सकता है चंद बहुमूल्य जान भी चली जाती पर बंद का असर दिखता और पूरा देश अब तक इस विपदा से निपट चुका होता.. पर यह एक आदर्श चित्रण है, जो होना था, पर हुआ नही..

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उल्टा राज्य सरकारों ने भय का माहौल बनाया और मजदूरों का जो ऐतिहासिक पलायन हुआ वह अभूतपूर्व था…!!

राज्य सरकारों के लिए भी यह राजनैतिक दृष्टि से सुविधाजनक था, क्योंकि हर मजदूर की कहानी के माध्यम से केंद्र को दोषी ठहराना सरल था.. अगर हर नागरिक और हर राहगीर के भोजन-पानी की व्यवस्था केंद्र को हीं करनी है तो राज्य सरकारों का अस्तित्व किस लिए है…!!

एक Anti national गठबंधन जो देश मे पिछले कई दशकों से सक्रिय था, उसके लिए 2014 का चुनाव एक धक्का था, फिर 2019 में तो जनता की समझदारी ने उसको चारो खाने धूल चटा दी.. पर वह मरा नहीं..‌ वह मीडिया के कतिपय साथियों और घाघ राजनीतिज्ञों के माध्यम से लगातार प्रयास करता रहा कि भारत की विकास यात्रा में कैसे लगाम लगे.. कैसे पहिया रुके.. कैसे गाड़ी बेपटरी हो…!!

जब इस महामारी में भी केंद्र ने सही समय पर सटीक कदम उठा लिया तो इस Cartel ने बहुत गजब खेल खेला.. मजदूरों का पलायन और उनके पाँव के छाले देख एक एक भारतीय द्रवित हो उठा.. उसके संस्कार भाव-विह्लल हो उठे और वह भी केंद्र को धीरे धीरे कोसने लगा.. वह यह भूल गया कि lockdown कोई *हॉलिडे पैकेज* नहीं है और उसका मूल उद्देश्य ही यहीं था कि जो जहा है वही रहे.. वह यह भी भूल गया कि कोरोना वायरस भी उनके साथ travel कर रहा है…!!

एक-एक गांव और शहर से गुजरता वह मजदूर अनजाने में अपने साथ वो जलजला भी ले आया है जो आने वाले दिन में अपना विकराल रूप दिखायेगा…!!

अब देश विरोधी गठबंधन उन लाशों के फ़ोटो 24 घंटे दिखायेगा जो इस वायरस की वजह से और गांवों में इलाज की सुविधा न होने की वजह से होगी…!!

एक अटूट सत्य है कि 60 दिन अपने अपने घर में कुर्बान करने के बाद भी हम हार की दहलीज पर खड़े है…!!

इसलिए देश मे प्रति जो भी नेक इरादे हों वह इस बार मात खा चुके है..!! देश के प्रति प्रधानमंत्री के संबोधनों में भी धीरे-धीरे उनकी हताशा झलक रही है…!!

वह भी शायद अंदर अंदर समझ चुके है कि क्या खेल खेला गया है और आने वाले दिन में उसके क्या परिणाम होने वाले है…!!
अच्छी नियत और नेक इरादे हमेशा सफल नहीं होते…!!

लगता है कि अंत मे देश मे वही होगा जो कुछ विघटनकारी ताकतें चाहती है। समस्या यह है कि देश की अशिक्षित और अल्पशिक्षित जनता इस विपक्ष के झाँसे में कब तक आती रहेगी….!!

आखिर एक आदमी कब तक लोहा लेगा…!!

सुन कर तेरी पुकार….
सँग चलने को तेरे
कोई हो न हो तैयार
हिम्मत न हार….
चल चला चल

I stand with my Prime Minister Narendra Modi FOREVER.

Shekhar Soni Poddar.

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