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मुनाफ़िक़: क्या वाकई भारत ने पाकिस्तान में दहशतगर्दो को ठिकाने लगाने का हुक्म दिया?

-राजकमल गोस्वामी की कलम से-

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Positive India:Rajkamal Goswami:
मुनाफ़िक़ का अर्थ होता है दोहरे चरित्र वाला, उधर वाला आदमी जो इधर वाला लगे । क़ुरान में मुनाफ़िक़ शब्द १७४ बार आया है । और तो और एक पूरा चैप्टर ही सूरा अल मुनाफ़िक़ून के नाम से क़ुरान में शामिल है । बहुत सारे धर्म परिवर्तित मुसलमान जो इस्लाम की बढ़ती ताक़त को देख कर मुसलमान हो गए थे असल में दिल से मुसलमान नहीं हुए और मौक़ा देख कर इस्लाम की जड़ में मट्ठा डालते रहते थे ।

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काफ़िर तो खुले दुश्मन थे उनसे उतना ख़तरा नहीं था मगर मुनफ़िक़ तो मुसलमानों में ही छद्म रूप से घुसे हुए थे । इनसे कैसे निपटा जाए यह बड़ी समस्या थी । क़ुरान में इन्हें बहुत फटकार लगाई गई है दोज़ख़ का भय दिखाया गया । पैग़ंबर की हयात में तो तब भी इन पर कुछ नियंत्रण था पर पैग़ंबर के बाद तो इस्लाम में ही फूट पड़ गई । मुनाफ़िक़ों को जहाँ सुविधा हुई वहाँ घुस गये । इस्लामी इतिहास में इतना ख़ूनख़राबा इन्हीं मुनाफ़िक़ो की वजह से हुआ ।

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यह ख़ून ख़राबा अब भी जारी है । मज़हबी पेशवा तय करते हैं कि मुनाफ़िक़ कौन है और फ़िदाईन दस्ता उन्हें ठिकाने लगाता है । बिट्टा कराटे ने एक इंटरव्यू में कहा था कि यदि उसका हैंडलर हुक्म देता तो वह अपनी माँ को भी गोली मार सकता था । उसे कश्मीरी पंडितों के कसाई के रूप में जाना जाता है मगर उसने क़ुबूल किया कि उसने कुछ मुसलमानों को भी मारा । यकीनन ये मुसलमान उसके हैंडलर की नज़रों में मुनाफ़िक़ ही रहे होंगे । पाकिस्तान में ऐसे भाड़े के कातिल बिखरे हुए हैं जो हैंडलर के हुक्म पर किसी को भी मार सकते हैं । बेनज़ीर भुट्टो, पेशावर स्कूल हत्याकांड तो कुछ नाम हैं मगर आये दिन पाकिस्तान में मस्जिदों पर अदालतों पर बाज़ारों में फ़िदाईन हमले होते रहते हैं जिनमें सैकड़ों जानें अब तक जा चुकी हैं ।

एक बार यह पता लग जाये कि कोई हैंडलर किसी की भी हत्या करवा सकता है तो उस हैंडलर से सेटिंग करके आतंकवाद से त्रस्त अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ किसी की भी हत्या करवा सकतीं हैं । आतंकवाद एक दोधारी तलवार है इसीलिए दुनिया भर को आतंकवाद निर्यात करने वाला पाकिस्तान ख़ुद भी इसका बड़ा भुक्तभोगी है । हाल के दिनों में वहाँ कई नामी आतंकी इस दोधारी तलवार के शिकार हुए हैं । यहाँ तक कि हाफ़िज़ सईद पर भी एक विफल फ़िदाईन हमला हो चुका है ।

ब्रिटिश अख़बार गार्डियन के अनुसार पाकिस्तान में पिछले दिनों कई बड़े आतंकियों की हत्या में भारत का हाथ है । इस ख़बर से पाकिस्तानी मीडिया में तूफ़ान बरपा है । हक़ीक़त कुछ भी हो मगर दहशतगर्दों के दिल में यह दहशत बैठ जाना भी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है ।

हमारे विदेश मंत्रालय ने गार्डियन के आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है । वैसे हम ज़ाती तौर पर किसी भी तरह की हत्या के विरूद्ध हैं और पाकिस्तान के साथ हमारी दिली हमदर्दी है ।

साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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