www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

कश्मीर में हिंदू फिर पलायन क्यों हो रहे ?

-विशाल झा की कलम से-

Ad 1

Positive India:Vishal Jha:
कश्मीर में हिंदू फिर पलायन हो रहे। अपने ही सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे। इसी आंदोलन के आधार पर वामपंथी मीडिया सरकार को ललकार रहा। यह सब क्यों हो रहा? क्योंकि इस्लामिक आतंकवादी कश्मीरी हिंदुओं को टारगेट करके किलिंग कर रहे। यही तो चाहिए जिहादियों को। एक तीर से दो निशाना। हिंदुओं का सफाया भी और सरकार भी घुटने पर। कितना सुंदर।

Gatiman Ad Inside News Ad

हमें लड़ना किससे चाहिए और हम लड़ किससे रहे हैं? हमें लड़ना चाहिए आतंकवादियों से और हम लड़ रहे हैं सरकार से। सरकार से हम मांग क्या कर रहे हैं? सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। हमारी लड़ाई बीमारी के खिलाफ नहीं, बल्कि दर्द निरोधक दवाई की मांग को लेकर है। कश्मीरी हिंदू कह रहे हैं कि कहीं सुरक्षित जगह उन्हें शिफ्ट क्यों नहीं कर दिया जाता?

Naryana Health Ad

फिर सवाल तो वाजिब है। नागरिक की सुरक्षा सरकार का ही तो दायित्व है। राहुल भट्ट की हत्या हुई। आंदोलन तब भी हुआ। किस बात के लिए? कि जिसने राहुल भट्ट की हत्या की, उसको सरकार सजा दे। हमारे सैनिकों ने भी तेजी से ऑपरेशन करके राहुल भट्ट को मारने वाले आतंकवादियों को मार गिराया। सरकार की जिम्मेवारी यहीं खत्म हो गई। अब बैंक स्टाफ विजय कुमार की हत्या हुई है। सीसीटीवी में फुटेज कैद हो गया है। हमारे सैनिक मुझे भरोसा है यहां भी जल्द सफल होंगे। अपराधियों को जल्द से जल्द सजा देना ही तो न्याय है। लेकिन सवाल फिर वही आंदोलन किस बात की? फिर पलायन क्यो?

घाटी में एक भी आतंकवादी ना हो, माना कि सरकार ने सब का सफाया कर दिया हो। फिर क्या इस बात की गारंटी है कि कोई अगला राहुल या विजय हिंदू होने के नाम पर नहीं मार दिया जाएगा? बिल्कुल गारंटी नहीं है। क्योंकि तब मजहब विशेष का आम कश्मीरी नागरिक हथियार उठा लेगा। फिर जब तक वह कोई हत्या ना कर दे, तब तक कानून की दृष्टि में वह अपराधी नहीं। और यह मामला इसी प्रकार अनवरत चलता रहेगा। मोदी और अमित शाह संवैधानिक पद पर हैं। और कानून के दायरे में काम करना पद की मर्यादा है। अतः हथियार उठाने से पहले आम कश्मीरी मजहबी नागरिकों की हत्या सरकार नहीं कर सकती।

इस पलायन का फिर हल क्या है? दरअसल यह समस्या कानूनी है ही नहीं। सामाजिक है। एक बहुमत इस्लामिक समाज कभी भी काफिरों को स्वीकार नहीं कर सकता। अनुच्छेद 370 रहे अथवा हट जाए क्या फर्क? एक मोदी जी तो क्या 5-10 मोदी जी भी मिलकर एक बहुसंख्यक इस्लामिक समाज में हिंदुओं को बसा नहीं सकते। वह भी तब जब हिंदू उस समाज में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करने के बजाए उल्टे सरकार का ही असहयोग करे। आंदोलन करे। गाली देवे।

साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.