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कमलनाथ और कांग्रेस को याद दिलाना बहुत जरूरी है कि भारत अब नहीं तब बदनाम हुआ था

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Positive India:Satish Chandra Mishra:
कमलनाथ और उसकी कांग्रेस को आज यह याद दिलाना बहुत जरूरी है कि भारत अब नहीं तब बदनाम हुआ था… क्योंकि कमलनाथ ने आज कहा है कि भारत महान नहीं बदनाम है…
👉🏻 1 नवंबर से 2 नवंबर 1984 के बीच, केवल 3 दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री की नाक के नीचे 3 हजार से ज्यादा निर्दोष सिक्खों को जब दिनदहाड़े चौराहों, सड़कों और गलियों में जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। तब पूरी दुनिया ने थूका था कि देश का तत्कालीन प्रधानमंत्री कितना नकारा निकम्मा निर्दयी है। देश तब बहुत बदनाम हुआ था कमलनाथ।
👉🏻 देश तब बहुत बदनाम हुआ था कमलनाथ, जब उन हजारों सिक्खों की विधवाएं और संतानें सड़कों पर चीख चीखकर उन 3 हजार सिक्खों के हत्यारों का नाम पूरी दुनिया को बता रही थीं। उनमें एक नाम तुम्हारा भी था कमलनाथ। लेकिन देश का तत्कालीन प्रधानमंत्री उन हत्यारों को अपनी पार्टी का सांसद, अपनी सरकार का मंत्री बनाकर सम्मानित कर रहा था। तब भी पूरी दुनिया ने थूका था कि देश का तत्कालीन प्रधानमंत्री कितना बेशर्म बेरहम और धूर्त है। देश तब बहुत बदनाम हुआ था कमलनाथ।
👉🏻 देश तब बहुत बदनाम हुआ था कमलनाथ जब केवल एक रात में 16000 लोगों को भोपाल में मौत के घाट उतार देने के जिम्मेदार हत्यारे वॉरेन एंडरसन को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने थाने में पुलिस हिरासत से छुड़वा कर सरकारी कार और हवाई जहाज देकर देश से फरार करवा दिया था। तब भी पूरी दुनिया ने इस बात पर थूका था कि देश का तत्कालीन प्रधानमंत्री कितना मक्कार है और अपने ही देशवासियों के प्रति कितना गद्दार है।
देश तब बहुत बदनाम हुआ था कमलनाथ।
👉🏻 देश तब बहुत बदनाम हुआ था कमलनाथ जब अमेरिका में आतंकी वारदात के कुकर्म में 30 बरस की सजा काट रहे एक सजायाफ्ता आतंकवादी आदिल शहरयार को छुड़वा कर देश का प्रधानमंत्री अपने साथ भारत ले आया था और यह पता चला था कि 16000 भारतीयों को मौत के घाट उतरवाने के जिम्मेदार हत्यारे वॉरेन एंडरसन को भारत से फरार करवाने के बदले देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उस आतंकी की रिहाई करायी थी। क्योंकि वह आतंकी उसका पारिवारिक मित्र था। उस समय भी पूरी दुनिया ने इस बात पर थूका था कि देश का तत्कालीन प्रधानमंत्री कितना स्वार्थी, कितना लंपट और कितनी घृणित मानसिकता, प्राथमिकता वाला है।
तुमको याद दिला दूं कमलनाथ कि उस तत्कालीन प्रधानमंत्री का नाम राजीव गांधी था और वो इटली मूल की ईसाईन, उसी सोनिया गांधी का पति था, जिस सोनिया गांधी की चाटुकारिता में तुम रात दिन जुटे रहते हो।

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क्योंकि ऐसे कांग्रेसी कुकर्मों की सूची बहुत लंबी है कमलनाथ और देश को स्वतंत्रता मिलने के साथ, तब से ही बनना शुरू हो गयी थी जब देश की सेना के लिए 2000 जीप खरीदने के नाम पर तत्कालीन कांग्रेसी सरकार पूरा पैसा डकार गयी थी। लेकिन वो जीपें देश की सेना को कभी मिली ही नहीं। इसलिए देश की सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल पर दुनिया ने उसी समय से थूकना शुरू कर दिया था कि कितना भ्रष्ट और बेईमान है देश का तत्कालीन प्रधानमंत्री और उसकी सरकार।
देश तब बहुत बदनाम हुआ था कमलनाथ।
पोस्ट में जिन घटनाओं का जिक्र किया है, उनकी संख्या मेरे हिसाब से काफी है कि वह तुम्हारी बुद्धि के बंद कपाट खोल सके कमलनाथ और तुम्हें समझा सके कि देश अब नहीं तब बहुत बदनाम हुआ था।
पूरी कहानी लिखूंगा तो एक किताब तैयार हो जाएगी। इसलिए उपरोक्त सूची को यहीं विराम दे रहा हूं।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार)

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