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#WorldCup2019 में पाकिस्तान को धोना मजबूरी नहीं ज़रूरी था

और इस बार रन स्ट्राइक!

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Positive India:Gajendra Sahu:
उरी हमले से आहत भारत लगातार पाक से बदला लेने की ताक पर था और २९ sep २०१६ को एतिहासिक *सर्जिकल स्ट्राइक* कर दिया ।

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१४ फ़रवरी २०१९ के नापाक दिन को हम कैसे भूल सकते है , इस दिन हमारे बेक़सूर ४४ सिपाही पुलवामा में शहीद हो गए थे ।
तब भारत के एक-एक व्यक्ति के मन में पाकिस्तान से बदला और अपने शहीद साथियों की श्रदधांजलि से बढ़कर कुछ नहीं था ।
पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाया गया । एक-दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी और टिप्पणी से भरा अख़बार और न्यूज़ चैनल इस बात का सबूत देने लगे थे कि कभी भी दोनो देशों में युद्ध हो सकता है ।
इस बीच भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में *एयर स्ट्राइक* कर दी । हालाँकि पाकिस्तान द्वारा इस बात को अक्सर झुठलाया जाता है ।

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पुलवामा घटना के बाद से ही पाकिस्तानी कलाकारों के साथ ही पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने का भी जमकर विरोध हुआ ।

भारतीय पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों ने तो #WorldCup2019 में पाकिस्तान से भिड़ने से शक्त मानाही कर दी । चाहे पोईँट न मिले पर मैच नहीं खेलेंगे । एक पूर्व खिलाड़ी ने तो #WorldCup2019 का ही बहिष्कार करने की बात भी कही । तमाम अटकलों के बीच अंततः यह हाई वॉल्टेज़ मैच हुआ ।

युद्ध के मैदान के ३ बार और #WorldCup के मैदान में ६ बार मुँह की खाने के बाद पाकिसतान अपने काँच रूपी जीत के सपने के साथ चट्टान रूपी भारतीय टीम सामने उतरी । वो कहते है ना बकरी कब तक ख़ैर मनाएँगी , बस … फिर वही हुआ। भारत ने पाकिस्तान पर क़हर ढाते हुए *रन स्ट्राइक* कर दी और अपनी आदत के अनुसार पाकिस्तान हार गया। काँच रूपी जीत का सपना चट्टान के सामने कहाँ टिक पाता और सपना चकना चूर हो गया।
पाकिस्तान को बारिश का सहारा था और वे इसका इंतज़ार ज़रूर कर रहे थे,पर क्या करे कल इंद्र देव भी अवकाश पर थे क्योंकि ऐसा मैच देखने को हर रोज़ नहीं मिलता है ।

इस बार एक चीज़ और अच्छी दिखी ।
कल सड़क,चौराहे,गली-मोहल्ले,मीडिया- सोशल मीडिया पर न भाजपाई ,न कोंग्रेसी,न किसी पार्टी के कार्यकर्ता,न सरकारी कर्मचारी,न आम आदमी, कोई नहीं देखने को मिला । दिखा तो बस भारतीय ,भारत के प्रति जुनून और शब्दों से न बयाँ होने वाली देशभक्ति ।

*पाकिस्तान से जीतना मजबूरी नहीं ज़रूरी है *

लेखक: गजेंद्र साहू

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