www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

अगर इजराइल इन तीन मुद्दों में से एक पर भी कमज़ोरी दिखाता है, तो !

-अनिल सिंह की कलम से -

Ad 1

Positive India:Anil Singh:
इजरायल यह युद्ध तभी जीत सकता है, जब
(अ) वह हमास द्वारा बन्धक बनाये गये लगभग २५० लोगों जिनमें विदेशी नागरिक और इजराइली सैनिक भी शामिल हैं, को कुर्बान करने के लिए तैयार हो: ज्ञातव्य है कि २००६ में हिज्बुल्ला द्वारा पकड़े गये दो इजराइली सैनिकों के बदले १००० से अधिक बन्दी छोड़ने पड़े थे; २००६ के युद्ध – विराम के बाद इजराइली प्रधानमन्त्री की टिप्पणी थी: आधा लेबनान ध्वस्त कर देने बाद भी हम हार गये।

Gatiman Ad Inside News Ad

(आ) वह गाज़ा के सभी लगभग बीस लाख निवासियों को मारने के लिए तैयार हो। खाँटी वामपन्थी तो यही मानने के लिए तैयार नहीं होंगे कि हमास कोई आतंकवादी संगठन है जिसने कुछ ऐसा किया है जिसके लिए उसका समूल नाश हो ही जाना चाहिए, पर नव-वामपन्थी यह लाइन ले सकते हैं कि हमास आतंकवादी संगठन तो है, पर उनकी हरकतों के लिए पूरे गाज़ा को दण्डित करना तो उचित नहीं है। कहने की ज़रूरत नहीं है कि दोनों गलत हैं। हमास आतंकवादी संगठन भी है, और कम से कम ९०% गाज़ा-निवासी उसके समर्थक भी हैं। अतः हमास तभी समाप्त हो सकता है जब गाज़ा लगभग पूरा साफ़ हो जाय।

Naryana Health Ad

(इ) ज़रूरत पढ़ने पर वह ऐटम बम का इस्तेमाल करने के लिए भी तैयार हो। जैसे-जैसे लड़ाई खिंचेगी, अधिकाधिक इस्लामी संगठन और ईरान जैसे देश इससे जुड़ते जाएंगे। अब इजरायल के पास न तो बड़ा क्षेत्रफल है, न बड़ी जनसंख्या। वह रूस की तरह दो साल तक नहीं लड़ सकता। ईरान से निपटने का उसके पास एक ही तरीका है: परमाणु अस्त्रों का प्रयोग।

अगर इजराइल इन तीन मुद्दों में से एक पर भी कमज़ोरी दिखाता है, तो उसे यह युद्ध जीतने के बारे में भूल ही जाना चाहिए, भले ही वह पूरी गाज़ा पट्टी को ध्वस्त कर डाले।

साभार:अनिल सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.