www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

मोबाइल फोन का शिशुओं पर दुष्परिणाम

इनकी लाईट शिशुओ के लिए हानिकारक है ।

Ad 1

Positive India:जैसे जैसे हम लोग प्रगति कर रहे है, उसके साथ ही उसके दुष्प्रभाव को भी जानें अनजाने मे आमंत्रित कर रहे है । पर दुर्भाग्य यह है हम उससे वाकिफ नही है । वहीं दूर दराज के चिकित्सक भी इस बारे मे अपनी कम राय रखते है । वैसे भी इस देश मे ध्वनि व वायु प्रदूषण के लिए कोई भी महकमा गंभीर नही है । यही कारण है कि आज दिल्ली और वहां के लोग श्वांस रोग से ज्यादा पीड़ित है । हालात तो ये हो गये हैं कि मास्क पहनने तक की नौबत आ गई है । पुनः मूल विषय पर, अभी मै रायपुर से पूणे आ रहा था तो बमुश्किल साल भर के बच्चे की आदत इतनी खराब कर दी गई थी कि बगैर मोबाइल फोन के वो खाना नही खाता था । उससे बड़ा दुर्भाग्य यह कि पालक को गर्व महसूस हो रहा था कि बगैर मोबाइल के खाना नही खाता है । पर उसके दुष्प्रभाव उसके सामने मुँह बाये खड़े है उनसे वह अंजान है । आज कल यह हर घर की कहानी हो गई है । किसी को एक तो समय नही है फिर खाना खिलाने के लिए तो और भी नही । ऐसे वक्त मे इस तरह का ऊलजलूल आइडिया उस समय का वक्त तो निकाल देती है पर आगे का दुष्कर कर देती है । यही सब छोटी छोटी आदते बच्चे के व्यस्न मे कब बदल जाती है, पता भी नही चलता । पर इन आदतो को छुड़ाना बहुत बड़ी गंभीर समस्या है । बच्चा इसके लिए खाना तक छोड़ देता है । ऐसे स्थिति मे उस समस्या से निजात पाने के। लिए पुनः उसी ओर मुड जाते है । आजकल बड़े शहरो मे शिशु रोग विशेषज्ञ इस पर विशेष ध्यान दे रहे है । उनकी पालको को ये ताकीद रहती है कि छोटे बच्चो को टी वी, मोबाइल और लैपटॉप से दूर रखे । आज के समय मे ये मौलिक आवश्यकता है । पढ़े लिखे पालक इसमे अमल भी कर रहे है । इनकी लाईट शिशुओ के लिए हानिकारक है । ये पता चलने पर इनसे दूरी बना कर रखते है ये जागरूकता का परिचायक है । कही कही अपना काम निकालने के लिए मोबाइल पकड़ाना आम बात है । आज हमे इस तरह की सामाजिक चिकित्सा शिक्षा की जानकारी चिकित्सक के साथ साथ शिक्षक आदि को भी हो तो यह अधिक प्रभावशाली रहेगी । बहुत दिन बाद इस तरह के लेख को लिखने का ख्याल यह सब देखकर ही आया । आगे कभी भी ऐसे ही विषय पर फिर कभी ।
डा.चंद्रकांत वाघ

Gatiman Ad Inside News Ad
Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.