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कम्युनिस्ट

किसी लेखक के लिए किसी खूंटे में बंध कर रहना बिलकुल ज़रुरी नहीं

कम्युनिस्ट हो कर एकपक्षीय , एजेंडाधारी , अराजक और विषैला होना बहुत बुरी बात है । सभी लोग इस तत्व से चिढ़ते हैं । उन की हिप्पोक्रेसी से चिढ़ते हैं ।

किसी लेखक के लिए किसी खूंटे में बंध कर रहना बिलकुल ज़रुरी नहीं

कम्युनिस्टों के अलोकप्रिय होने में यह एक बड़ा कारण है । वामपंथियों में एक बात कामन है । वह है विचारधारा के प्रति कट्टरता। यह भी कि धार भले कुंद हो जाए पर लीक नहीं छोड़ेंगे ।

अफ़सोस कि यह लोग नरेंद्र मोदी की कूटनीति को अभी तक नहीं समझ पाए

सेक्यूलर चैंपियंस बता रहे हैं कि तुम्हारे भगवान की मूर्तियों पर रोज पेशाब करता हूं। थूकता हूं। कुल्ला करता हूं। क्या बिगाड़ लिया तुम ने या तुम्हारे भगवान ने हमारा? ताज़ा संदर्भ लिया गया है कि…

अंबेडकर को संविधान निर्माता कहना संविधान के साथ छल और कपट है

अंबेडकर संविधान निर्माता नहीं हैं। अंबेडकर को संविधान निर्माता कहना , संविधान के साथ छल और कपट है। पाखंड है। चार सौ बीसी है। इस मामले में भी मैं अंबेडकर का परम निंदक हूं। लेकिन दलित वोट की…

उत्तर प्रदेश में भाजपा 2017 को एक बार फिर दुहराने जा रही है और ज़्यादा ताक़त और ज़्यादा…

हिजाब का लाभ सपा से ज़्यादा भाजपा के खाते में गया है। देश और प्रदेश के मुसलमान इतने सालों में एक छोटी सी बात अभी तक नहीं समझ पाए कि वह जितनी ज़्यादा कट्टरता दिखाएंगे , कट्टर बनेंगे , भाजपा…

भारत को अगर अस्मिता का युद्ध जीतना है तो इस्राइल जैसा क्यों बनना पड़ेगा?

भाजपा ने कभी मुफ़्ती का साथ लेकर ३७० हटाने जमीन तैयार करके हटा दिया और उसके बाद से लेकर आज तक कश्मीर के सारे आतंकियो को ठोक कर वहां के हिंदुओं की रक्षा कर रही है....तो क्या गलत कर रही है..?

अच्छा अगर भारत के पास आज की तारीख़ में राफेल न होता तब ?

नरेंद्र मोदी नाम की राफ़ेल से कांग्रेस को कुछ सीख लेनी चाहिए। नहीं नेस्तनाबूद होने से किसी को कोई रोक सका है क्या ? इमरान खान पाकिस्तान को बचाने के लिए बिना शर्त अभिनंदन को छोड़ सकता है तो…

जनता जानती है किसान आंदोलन के दलाल दुर्योधनों और उस के मामा शकुनि को

दलाल और किसान का फर्क लोग जानते हैं। इंकलाब ज़िंदाबाद का मर्म लोग जानते हैं। गांधी, जे पी , अन्ना जैसी तपस्या रहित है यह आंदोलन। शुचिता और नैतिकता की जगह हिप्पोक्रेसी की बू आती है इस किसान…

कम्युनिस्ट नास्तिक चीन और चरम कट्टर मजहबी उन्माद के गठबंधन का विश्लेषण

चीन चाहे मानव अधिकारों के दिनदहाड़े बारात/जनाजे निकाले.... उइगर चीनी मुस्लिमो पर...चाहें उइगर प्रान्त की मस्जिदों को सार्वजनिक शौचालय बना दे...पर पूरी छप्पन देश के कोई अमन पसंद चीन के ख़िलाफ़…